मेकॉन ने भारत में लौह एवं इस्पात उद्योग के विकास एवं विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लौह एवं इस्पात उद्योग में मेकॉन की भागीदारी साठ के दशक की शुरुआत में शुरू हुई जब इसने भारत में दुर्गापुर, राउरकेला और भिलाई में तीन प्रमुख एकीकृत इस्पात संयंत्रों के विस्तार के लिए विस्तृत इंजीनियरिंग और परामर्श का कार्य किया। इसके बाद बोकारो और भिलाई इस्पात संयंत्रों के 2.5 मीट्रिक टन/वर्ष से 4.0 मीट्रिक टन/वर्ष तक के विस्तार के लिए परामर्श और विस्तृत इंजीनियरिंग का कार्य किया गया। इसके पश्चात मेकॉन, इस क्षेत्र में जिंदल समूह, एस्सार समूह, भूषण समूह आदि जैसे कई एकीकृत इस्पात संयंत्रों से जुड़ा रहा है।
मेकॉन ने बोकारो स्टील प्लांट के आधुनिकीकरण के लिए वैश्विक स्रोतों से खरीद और परामर्श एवं इंजीनियरिंग से जुड़ी आधुनिकीकरण परियोजना के लिए दुर्गापुर स्टील प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इन दोनों परियोजनाओं को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली (आईसीबी) के आधार पर क्रियान्वित किया गया है, जिसमें औद्योगिक देशों से प्रौद्योगिकी और उपकरण प्राप्त किए गए हैं।
कुछ प्रमुख परियोजनाओं के नाम इस प्रकार हैं, जहाँ मेकॉन ने परामर्शी और इंजीनियरिंग सेवाएँ प्रदान की हैं:
मेकॉन छोटे, मध्यम और बड़े स्टील प्लांट के लिए अपनी सेवाएँ प्रदान करता रहा है। हमारे पास सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में ग्राहकों की एक विस्तृत सूची है।
वर्तमान में, मेकॉन निम्नलिखित प्रमुख ग्राहकों के लिए इंजीनियरिंग और परामर्श सेवाएँ प्रदान कर रहा है जो विभिन्न चरणों में पूर्ण होंगे:
उपरोक्त सभी परियोजनाओं में प्रमुख इकाइयाँ कोक ओवन प्लांट, सिंटर प्लांट, ब्लास्ट फर्नेस प्लांट, स्टील मेल्ट शॉप, कैस्टर, रोलिंग मिल्स और अन्य सहयोगी सुविधाएँ हैं। इन संयंत्रों की सुविधाएँ विभिन्न क्षमताओं की हैं। इन इस्पात संयंत्र परियोजनाओं में, मुख्य इकाइयों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पार्टियाँ हैं और मेकॉन को लौह एवं इस्पात क्षेत्र में सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव है।